लगातार छ: महीने प्रयास करने के बाद भी अगर प्रेग्नंसी ना रहे तो दंपती को चिंता होने लगती है कि उन्हें संतानहीनता की समस्या तो नहीं? ऐसे में जब डॉक्टर को दिखाया जाता है तो कई तरह की संभावनाओं का विचार करना पड़ता है| अगर शुक्राणु और बीज उत्पादन में कोई समस्या न हो तो सवाल उठता है: क्या महिला में ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब की समस्या है यानि क्या इन नालियों में रुकावट है?
जिंदगी के सारे मुकामों के लिए हम बड़ा नियोजन करते हैं, चाहे पढाई हो या शादी ब्याह; लेकिन अक्सर यह देखा जाता है कि दंपती के जीवन में और खास कर महिला के शरीर में जिस बात से सब से महत्वपूर्ण बदलाव आता है उस गर्भधारणा के विषय में बिलकुल नियोजन नहीं किया जाता| आज भी ज्यादातर दंपतियों में प्रेग्नंसी हो जाती है और फिर डॉक्टर से सलाह ली जाती है| वास्तव में प्रेग्नंसी या गर्भधारणा जैसी महत्वपूर्ण घटना यदि सुनियोजित की जाए तो स्वस्थ गर्भावस्था और स्वस्थ शिशु दोनों मुमकिन हो सकते हैं| इसी विषय में हर दंपती को चाहिए की ये कुछ बातें ध्यान में रखें:
ऐसा देखा गया है कि 6 में से 1 दम्पती को संतानहीनता की समस्या होती है और बहुत बार ऐसा होता है कि महिला अपने घर की किसी महिला के साथ इलाज करवाने आ जाती है| सच तो यह है कि संतानहीनता के कारणों की जाँच करते समय सब से पहले पुरुष के सिमेन याने वीर्य का विश्लेषण करवाया जाये तो बेहद जल्द और आसानी से कई बार इलाज की कूँजी मिल जाती है! WHO के 2010 के मानकों के अनुसार किसी अच्छी लॅब में पुरुषों के वीर्य का विश्लेषण करवाने से स्पर्म की संख्या, स्पर्म की मोटिलिटी (आगे बढने की क्षमता) तथा स्पर्म मॉर्फॉलॉजी याने स्पर्म की बनावट के बारे में पता चल जाता है और कई बार उपचारों से संतानहीनता की समस्या का हल मिल जाता है। उपर्युक्त तीन घटकों का पुरुषों की फर्टिलिटी में असामान्य महत्व होता है और यदि इनमें से एक भी बात में समस्या हो तो संतानहीनता हो सकती है।: